महबूब खान की फिल्म "अमर" (1954 ) काले और सफेद कैनवास पर उकेरी सत्य और इच्छा, नैतिक अधर्मता और न्याय के बीच नैतिक संघर्ष की कहानी है अमर" आज भी अच्छे सेट, अद्भुत ध्वनि प्रभावों और प्रतिभाशाली फोटोग्राफी के लिए जानी जाती है निर्देशक मेहबूब की सराहना की जानी चाहिए उन्होंने उस समय से आगे जा कर एक ऐसी कहानी पर फिल्म बनाने का साहस किया जो कहीं ना कहीं पुरानी रूढ़ि वादी परम्पराओं को तोड़ती है शायद इसलिए महबूब खान को अपने समय से आगे का फिल्मकार भी माना जाता है दिलीप कुमार , मधुबाला , और निम्मी अभिनीत 'अमर' का कथासार दुष्कर्मी के पीड़ित से विवाह के समझौतावादी फैसले के विषय पर आधारित था लेकिन महबूब खान के लेखक अलीरज़ा ने एक फ्रेंच कृति से प्रेरित होकर 'अमर' की पटकथा लिखी थी परंतु उसका मूल क्लाइमैक्स बदल दिया शायद ज्यादा लोगो को पता नहीं की इस फिल्म में मधुबाला का 'अंजू 'वाला रोल पहले मीना कुमारी करने वाली थी लेकिन दुर्भाग्यवश ये रोल वो नहीं कर सकी.... क्यों ?....ये हम आपको बताते है ......
कमल अमरोही ने 1952 में 'दायरा' नामक एक फिल्म बनाने की योजना बनाई जिसके
हीरो दलीप कुमार के भाई नसीर खान और हीरोइन मीना कुमारी को
लेना तय
हुआ....... फिल्म 'दायरा ' में मीना कुमारी का रोल ऐसी लड़की का था जिसकी
शादी एक बीमार और बूढ़े आदमी से कर दी जाती है लेकिन प्यार वो एक नौजवान से
करती है मीना कुमारी तो ये रोल करने को राजी थी लेकिन मीना कुमारी के वालिद
अलीबक्श को कहानी पसंद नहीं थी लिहाज़ा उन्होंने मीना से ये फिल्म छोड़
देने को कहा और उनकी सारी शूटिंग डेट महबूब खान की 'अमर 'के लिए दे दी इसे
कमाल अमरोही ने अपनी तौहीन समझा और अपनी बेगम मीना से महबूब खान
की 'अमर 'छोड़ कर उनकी फिल्म' दायरा 'करने के लिए दबाव डाला पूरी प्रॉडक्शन
टीम के साथ महबूब खान फिल्म अमर की शूटिंग के लिए तैयार थे दलीप कुमार समेत
सभी दिग्गज और व्यस्त कलाकरो की डेट फ़ाइनल थी इधर महबूब खान
ने भी दिलीप ,मीना ,निम्मी को लेकर फ़िल्म "अमर " की शूटिंग शुरू कर दी ऐसे
में टकराव होना तय था बाकि मीना कुमारी की दशा का आप बखूबी अंदाज़ा लगा सकते
है
कमाल अमरोही और मीना कुमारी |
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