40,50 और 60 के दशक में हर तरफ अभिनेत्री सुरैया के ही चर्चे थे...... यह घटना उस समय की है जब अभिनेत्री सुरैया का करियर अपने चरम पर था हर फिल्म निर्माता अपनी फिल्म में सुरैया को साइन करने के लिए उनके घर के बाहर खड़ा रहता था हर निर्माता-निर्देशक सुरैया को एक बार जरूर अपनी फिल्म की हिरोइन बनाना चाहता था सुरैया अपने जमाने की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस होने के साथ-साथ सबसे महंगी एक्ट्रेस भी थीं लोग जितना सुरैया की ऐक्टिंग के दीवाने थे उतना उसकी गायकी के भी क्योंकि वो एक मशहूर गायिका भी थीं
उस समय दिलीप कुमार एक उभरते हुए सितारे थे सुरैया की खूबसूरती के दीवाने वो भी थे वो भी इस अभिनेत्री के साथ काम करना चाहते थे सुरैया के चर्चे सुनते-सुनते दिलीप कुमार का भी मन हुआ कि किसी तरह उन्हें भी उस हसीन और खूबसूरत ऐक्ट्रेस के साथ काम करने का मौका मिल जाए इस मुराद के साथ दिलीप कुमार ने निर्देशक के.आसिफ से गुजारिश की कि वह उन्हें और सुरैया को साथ लेकर एक फिल्म बनाएं जिसमे वो उन्हें सुरैया के अपोजिट साइन करे
दलीप पहले ही के.आसिफ की फिल्म 'हलचल (1951)' में काम कर चुके थे और दोनों के रिश्ते अच्छे थे फिल्म निर्माता के.आसिफ के साथ उनकी दोस्ती भी इंडस्ट्रीज़ में मशहूर थी इसलिए के आसिफ मान गए और उन्होंने सुरैया और दिलीप कुमार को लेकर एक फिल्म बनाने का फैसला किया दलीप कुमार की मुराद पूरी हुईं के. आसिफ ने 'जानवर 'के नाम से एक फिल्म का निर्माण आरम्भ किया जिसमे दलीप कुमार और सुरैया लीड रोल में थे फिल्म की शूटिंग आरंभ हुई लेकिन फिल्म के एक कामुक दृश्य को लेकर मामला ऐसा बिगड़ा की यह फिल्म कभी बन ही नहीं पाई
फिल्म 'जानवर' के एक दृश्य के अनुसार अभिनेत्री सुरैया की पिंडली पर जंगल में पर सांप काट लेता है और दिलीप को मुंह लगाकर उसकी टांग से जहर चूसना पड़ता है इस सीन की लगातार 4 दिनों तक शूटिंग जारी थी जबकि इस सीन की शूटिंग कुछ घंटो की ही थी इस दृश्य का फोटो सेशन भी हो रहा था जब ऐसा होता रहा तो सुरैया को शक हो गया कि दिलीप कुमार अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जानबूझ कर इस सीन को बार बार कर रहे हैं सुरैया को यह भी यकीन हो गया के.आसिफ भी इस कृत्य में दलीप कुमार की बराबर सहायता कर रहे है
सुरैया ने जोर देकर कहा ......
''इस सीन की शूटिंग एक दिन में हो जानी चाहिए थी मगर आप (डायरेक्टर) चार दिनों तक सिर्फ यही सीन शूट क्यों कर रहे है ? ''
निर्माता-निर्देशक आसिफ ने सुरैया की बात अनसुनी करते हुए उलटा पर पर दबाव डाला कि इस सीन की कंटीन्यूटी में उनका और दिलीप कुमार का एक किसिंग सीन भी रहेगा सुरैया जानती थीं कि ऐसा सीन सेंसर से बिल्कुल पास नहीं हो सकता जब सेंसर इस सीन को फिल्म से उड़ा ही देगा तो फिर इसे फिर शूट क्यों किया जा रहा है ?
सुरैया को सारा खेल समझ गई उन्होंने घर जाकर यह बात मां मुमताज़ शेख से बताई और उनकी माँ ने इस मामले को जहूर (सुरैया के मामा ) को बताया जहूर खुद 1930 और 40 के दशक के दौरान एक अभिनेता रह चुके थे वो फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते थे जाहिर है वो फ़िल्मी दुनिया के तौर तरीको से भली भांति वाकिफ थे जहूर आग बबूला हो गया उन्होंने अगले दिन सुरैया के साथ खुद शूटिंग पर जाने का फैसला कर लिया
अगले दिन भी जब सेट पर जहूर चाचा के सामने वही सब हुआ तो सुरैया ने तुरंत अपनी टांग खींची और दिलीप कुमार को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया जहूर ने तो गुस्से में आकर दिलीप कुमार पर हमला करने की कोशिश की लेकिन आसिफ बीच में आ गया और उसे शांत करने की कोशिश की जहूर और सुरैया ने उन्हें भी आड़े हाथो ले लिया सुरैया दिलीप कुमार से इतनी नाराज हो गईं कि उन्होंने तुरंत फिल्म 'जानवर 'में काम करने से मना कर दिया और वही सबके सामने फिल्म छोड़ने की घोषणा कर दी
आसिफ और दलीप कुमार दोनों को सुरैया से ऐसे सख्त व्यवहार की उम्मीद नहीं थी आसिफ ने भी गुस्से में आ कर कहा
"फिल्म बीच में बंद होने से नुकसान होगा, इसकी भरपाई कौन करेगा. ?"
सुरैया ने तुरंत अपने हैंड बैग से एक चेक बुक निकाली और एक चेक साइन कर आसिफ को दे दिया और और तुरंत सेट छोड़ कर चली गईं फिल्म 'जानवर' बनने से पहले ही बंद हो गई ये फिल्म फिर कभी पूरी नहीं हुई और दलीप सुरैया दोनों की जोड़ी भी कभी दोबारा परदे पर दिखाई नहीं दी पाकिस्तान के कराची में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार 'ज़ख्मी कानपुरी ' ने अपनी एक किताब में इस घटना को विस्तार से लिखा था हालांकि बाद में दोनों सितारों की सार्वजनिक मुलाकातें हुई तो वे एक-दूसरे से बिना किसी गिले-शिकवे के मिलते नजर आए
सिर्फ सुरैया ही नहीं एक अन्य प्रमुख अभिनेत्री आशा पारेख ने भी कभी दिलीप कुमार के साथ काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखाईलेकिन वो किस्सा फिर कभी .........
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