सुनील दत्त और नर्गिस दत्त हिंदी सिनेमा के इतिहास की एक आदर्श जोड़ी |
सुनील दत्त साहेब हमारी हिंदी सिनेमा के बेहतरीन कलाकार तो थे ही साथ
में वो एक कामयाब नेता, सरल और सौम्य व्यक्तित्व के धनी भी थे हर भारतीय
उनमे अपना अक्स महसूस करता था अभिनेता एवं निर्देशक सुनील दत्त साहेब अपने
कैरियर के शुरूआती दिनों में रेडियो सिलोन में काम किया करते थे जहाँ वो
फ़िल्मी सितारों का इंटरव्यू किया करते थे एक बार उन्हें उनकी पसंदीदा
अभिनेत्री 'नरगिस 'का साक्षात्कार करने का मौका मिला सुनील दत्त साहेब इतने
नर्वस हो गए कि उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल सका जिसके चलते
साक्षात्कार को रद्द कर देना पडा था संजोग देखिए वही नर्गिस उनकी पत्नी बनी दत्त साहेब ने मदर इंडिया के सेट पर अपनी जान पर खेल कर नरगिस जी
की जिस तरह जान बचाई थी वो किस्सा आप सब को मालूम है नर्गिस जी को तो वो
मौत के मुंह से निकल लाये पर अपना दिल हार गए ....11 मार्च 1958 को दोनों
शादी के पवित्र बंधन में बंध गए नर्गिस जी ने भी कानूनन हिंदू धर्म
अपना कर अपना कानूनी नाम "निर्मला दत्त" कर लिया दोनों एक दूसरे को बेहद
प्यार करते थे और सामाजिक कामो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे नर्गिस को साड़ियों का बड़ा शौक था, उनके पास देश के हर प्रांत की साड़ियों का कलेक्शन था। नर्गिस पर साड़ी खूब जचती थीं। नर्गिस
के इसी शौक को देखते हुए उनके पति सुनील दत्त जहां भी जाते थे उनके लिए
साड़ी जरूर लाते थे। सुनील दत्त की लाई हुई साड़ियों को नरगिस संभालकर रखती
थी और बहुत खुश होकर उनकी तारीफ भी करती थीं। एक दिन सुनील दत्त ने नोटिस
किया कि नरगिस उनकी लाई हुई साड़ियां रख तो लेती हैं, लेकिन आखिर पहनती
क्यों नहीं है ? आखिर हिम्मत करके सुनील ने नर्गिस से पूछ ही लिया ......."आखिर तुम मेरी लाई हुई साड़ियों पहनती क्यों नहीं हो।" बड़ी मुश्किल से नर्गिस
ने सुनील दत्त को बताया कि उन्हें कोई भी साड़ी पसंद नहीं आई, इसलिए वो
नहीं पहनती हैं, लेकिन उन्हें बुरा ना लग जाए इसलिए अपने पास रख लेती हैं
अब ये
किस्सा 1962 का है जब भारत पर चीन ने आक्रमण कर दिया था दोस्ती के नाम
पर हुए इस धोखे से देश सदमे में था हजारो नौजवान अपनी सेना की मदद के लिए
सरहद की और कूच कर रहे थे देश संकट में था तो भला सुनील दत्त साहेब और
नरगिस दत्त कैसे पीछे रहते उन्होंने अपने फ़िल्मी मित्रो के साथ
मिलकर ग्रुप बनाया और सैनिको के लिए चंदा इकठ्ठा किया सभी ने मिलकर एक
विशेष गाना भी बनाया जिन्हे उन दिनों सिनेमा हालो में लोगो में देशभक्ति
जगाने के लिए फिल्म शुरू होने से पहले दिखाया जाता था इस विशेष गाने में
राजकुमार, धर्मिंदर ,राजेंदर कुमार ,कमलजीत समेत कई दिग्गज कलाकारों ने
अभिनय भी किया था उस समय हमारे पास हथियारों की बेहद कमी थी और देश
इस जंग के लिए तैयार भी नहीं था सुनील दत्त साहेब ने नर्गिस जी और अपने
ग्रुप के साथ भारतीयों सैनिको का हौंसला बढ़ाने के लिए सरहद पर जाने का
निर्णय किया उन्हें युद्ध क्षेत्र से दूर सेना के एक बेस कैंप में
जाने की इज़ाज़त मिल गई जहाँ उन्होंने सेना के जवानो का अपने दोस्तों के साथ
भरपूर मनोरंजन किया और अपनी इक्कठा की गई चंदे की रकम और जरुरत का अन्य
सामान उन्हें सौंपा
अदाकारा शम्मी भी इस दौरे में उनके साथ थी इस
सारे वाकये में सुनील दत्त साहेब ये भूल गए की आज करवा चौथ है नर्गिस दत्त
उनके साथ है और उन्होंने उनके लिए 'करवा चौथ 'का व्रत रखा है शाम गहरी होती जा रही थी लेकिन चाँद था की कही दिखाई नहीं दे रहा था
क्योंकि मौसम ख़राब था उस क्षेत्र में बादल होने के कारण चाँद नजर ही नहीं आ
रहा था नर्गिस जी को भूखा प्यासा देख कर दत्त साहेब परेशान हो
उठे
सेना के जवानो ने अपने राशन से जो भी कुछ उपलब्ध हो सका बना
कर नर्गिस जी के सामने रख दिया दत्त साहेब ने नर्गिस जी से आग्रह किया की
वो अपना 'करवा चौथ ' का व्रत खोल ले लेकिन नर्गिस जी जिद पर अड़ गई की जब तक
वो चाँद नहीं देखेगी अपना व्रत नहीं तोड़ेगी ऐसे में सुनील दत्त
ने पहल करते हुए वहाँ के सेना प्रमुख से अन्य जगहों पर फोन लगाकर चाँद
दिखने की खबर लेने के लिए कहा क्योंकि उस दुर्गम स्थान पर केवल सेना के
संचार माध्यम से ही कोई बात संभव थी सेना के जवानो ने कई जगह
बात करने के बाद नर्गिस की को आश्वस्त किया की चाँद निकल आया है लेकिन यहाँ
बादलो की वजह से नहीं दिख रहा शम्मी जी ने भी किसी तरह बम्बई में किसी के
माध्यम से बात कर नर्गिस जी को चाँद दिखने की बात बताई तो उन्होंने सुनील
दत्त साहेब के हाथो सेना के जवानो का बनाया भोजन ग्रहण कर अपना करवा चौथ का
व्रत तोडा और दत्त साहेब की जान में जान आई दोनों ने भारतीय सेना के जवानो
का आभार व्यक्त किया
आज इस घटना को कई वर्ष बीत
गए है सुनील दत्त साहेब और नर्गिस जी भी इस दुनिया में नहीं है लेकिन जब तक
नर्गिस जी जीवित थी हर करवा चौथ पर दत्त साहेब उन्हें इस घटना की याद
दिलाते थे सुनील दत्त साहेब और नर्गिस जी जैसा अटूट प्रेम अब हमारी फिल्म
इंडस्ट्रीज़ में देखने को कम ही मिलता है हिंदी सिनेमा की इस बेहद प्यारी
जोड़ी को भगवान जन्नत बक्शे ....अमीन ....
ईश्वर इस खुशनसीब जोडी को जन्नत बख्श कर अपने श्रीचरणों में स्थान दें !
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