' निगार सुल्ताना ' 21 जून 1932 - 21 अप्रैल 2000 |
हैदराबाद में जन्मी अभिनेत्री 'निगार सुल्ताना ' अपने दो भाइयों और दो
बहनो में से सबसे बड़ी पांचवी संतान थी उनके पिता हैदराबाद के निजाम की निजी
सेना में मेजर थे मुस्लिम रीति रिवाजों और रूढ़िवादी पारिवारिक कारणो से
निगार बहुत ही कम समय स्कूल में बिता पाई उनकी ज्यादातर पढ़ाई घर पर ही हुई
इस थोड़े से स्कूली अंतराल में ही उन्होंने कुछ अवसरों पर स्कूली ड्रामो में
भाग लिया और अभिनय करने की उनकी रूचि बढ़ी निगार की पहली फिल्म
'रंगभूमि (1946 )' थी लेकिन चर्चा उन्हें राजकपूर की फिल्म 'आग (1948 )' से
ही मिली इस फिल्म में उनका द्वारा निभाए किरदार 'निर्मला 'को आलोचकों और
दर्शको ने सराहा इसके बाद उनकी पतंगा ,बाजार,सुनहरे दिन (1949 ) ,शीश महल
(1950 ) मिर्जा ग़ालिब (1954 ) और यहूदी (1958 ) जैसी चर्चित फिल्मे आई
जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया 'पतंगा' के गाने 'मेरे पिया
गए रंगून वहां से किया है टेलीफोन ' ने निगार की लोकप्रियता को घर घर
पहुंचा गया
लेकिन 1960 में आई के.आसिफ की 'मुग़ले ए आज़म ' में
अनारकली से मन ही मन रंजिश रखने वाली 'बहार ' बन कर वो छा गई ....... मुग़ले ए
आज़म में उसकी बिल्लोरी आँखों और खनकती आवाज का जादू सिर्फ दर्शको पर ही
नहीं चला बल्कि खुद के.आसिफ भी इसका शिकार बन गए के.आसिफ की बेगम
सितारा देवी के पैरो तले उस वक्त जमीन निकल गई जब आसिफ उनकी उस सहेली
'निगार सुलताना ' से निकाह कर उसकी सौत बना घर ले आये जिसे खुद उसने आसिफ
से सिफारिश कर 'मुग़ले ए आज़म' में बहार का रोल दिलवाया था मुग़ले आज़म की इस
'बहार 'ने सितारा देवी की दुनिया उजाड़ दी सितारा देवी खून के घूँट पीकर कर
रही गई लेकिन फिर भी उन्होंने इसे भाग्य का लिखा माना और किसी तरह अपने
उजड़े घर को संभाला मुग़ले ए आज़म में निगार सुल्ताना पर आसिफ का फिल्माया
गाना " तेरी महफ़िल में किस्मत आजमा कर हम भी देखेंगे " सितारा देवी की
जिंदगी का फलसफ़ा बन गया
निगार सुल्ताना ने अपने जीवन में तीन
शादिया की उनके पहले पति फिल्म निर्माता और निर्देशक एस.एम् युसूफ थे जो
बाद में 1950 में पाकिस्तान चले गए उसके बाद वो के.आसिफ की बेगम बनी बाद
में आसिफ के दलीप कुमार साहेब की बहन अख्तर से निकाह कर लेने के बाद निगार
के एक पाकिस्तानी एक्टर दर्पण कुमार से भी निकाह करने की बात कही जाती है
लेकिन 13 जून 1954 को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ऐसी
रिपोर्टों से इंकार कर दिया कि उन्होंने दर्पण कुमार से विवाह किया था।
लेकिन करीबी सच जानते थे ........1986 में आई फिल्म 'जुम्बिश' उनकी आखरी
फिल्म थी 21 अप्रैल 2000 को 67 वर्ष की आयु में उनकी मुंबई में मौत हुई आसिफ और निगार की बेटी
हिना कौसर ने 1970 में आई फिल्म 'होली आई रे' से बॉलीवुड में डेब्यू किया।
हिना कौसर ने पाकीजा (1972), दोस्त (1974), कितने पास कितने दूर (1976),
पापी (1977), मैं तुलसी तेरे आंगन की (1978), चोरों की बारात (1980),
धरमकांटा (1982), रजिया सुल्तान (1983), पांच खिलाड़ी (1985) और घर बाजार,
आखिरी संघर्ष (1997), घर बाजार (1998) जैसी प्रमुख फिल्मों में काम किया
है। बाद में कुछ ऐसी खबरे आई की उसने 1991 में अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची
से निकाह कर फिल्मो को अलविदा कह दिया
No comments:
Post a Comment