जॉनी मेरा नाम - (1970)
अब तक उपन्यासों में ही थ्रिलर आ रहे थे अचानक किताबों के पन्नों से निकल
कर रहस्य, डॉन, पिस्तौलें और षड्यंत्र बाहर निकल आए। जॉनी मेरा नाम सन 1970
की यह ब्लॉक बस्टर साबित हुई 1970 में कुल आय के नज़रिये से यह बॉलीवुड की
सबसे बड़ी फ़िल्म थी और 70 के दशक की सातवीं सबसे बड़ी फ़िल्म यही वह
फिल्म थी जॉनी मेरा नाम में हीरे और दूसरे तस्करी के सामान इधर से उधर
भेजने के लिए एक खूबसूरत चेहरे का इस्तेमाल किया गया था। हेमा मालिनी एक
मजबूर बेटी और सीआईडी अफसर के रूप में देव आनंद ने दर्शकों के दिल में जगह
बना ली थी। सीआईडी इंस्पेक्टर सोहन उर्फ जॉनी जब नकली तस्कर बन कर एक किसी
को सोना देने जा रहा है और जब चश्मा लगाए एक खूबसूरत लडक़ी खिडक़ी से बाहर
झांकती है तो वह अपनी ड्यूटी से ऊपर दिल को ले आता है। सीआईडी अफसर एक
किस्सा सुलझाते हुए अपने दिल को उलझाता है और दर्शक आज भी नहीं भूल पाते कि
पूरे कमरे में जगह-जगह खिड़कियां बंद होते हुए भी नायिका उसे प्रेम करने
लगती है।........ याद कीजिए 'पल भर के लिए कोई हमे प्यार कर ले’
वाले गाने का पिक्चराइजेशन, जिसमें हेमा पूरे कमरे में कई खिड़कियां और
रोशनदान बंद करती चलती हैं। शिफॉन की साडिय़ां और पुलिस दलबल के बीच नायक और
नायिका अपना 'माल’ देने के लिए गाना गाते हुए पूरा संवाद कर लेते हैं, 'वही पुराना तेरा बहाना और ये कहना मैंने वादा तो निभाया।’ और वाकई वादा ऐसा निभा कि आज भी जॉनी मेरा नाम का वह रोमांच ताजा है।..............
रिलीज़ - 11 नवम्बर 1970
निर्देशक: विजय आनंद
कलाकार: देव आनंद, हेमा मालिनी, प्रेमनाथ, आईएस जौहर
संगीत - कल्याणजी आनंद जी पवन मेहरा
(सुहानी यादे ,बीते सुनहरे दौर की )
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