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आपकी कसम (1974) |
संगीत की बिना तालीम हासिल लिए जिस तरह से गायक किशोर कुमार ने फिल्म संगीत जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया वह तारीफ के काबिल है अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों के जरिए किशोर कुमार आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं पुरानी के साथ-साथ नई पीढ़ी भी उनकी आवाज की दीवानी है किशोर जितने उम्दा कलाकार थे उतने ही रोचक इंसान भी थे वे कब क्या कर बैठे यह कोई नहीं जानता था ? कई फिल्म निर्माता और संगीतकार किशोर कुमार को ' शोर कुमार ' तक कह देते थे लेकिन वो बुरा नहीं मानते थे बल्कि गर्व से कहते थे...'' एक दिन जब में इस दुनिया से चला जाऊंगा ना तो तुम मुझे ढूंढते रह जाओगे ''
हम
सब ने फिल्म
'आपकी कसम (1974) 'का मशहूर गाना
'' जय जय शिव शंकर, काँटा लगे
न कंकर '' जरूर सुना होगा लेकिन मैं इस गीत की
जो कहानी आपको आज सुनाउंगा उसे सुनकर आप निशिचित ही इस गीत को दुबारा सुनने पर मजबूर हो जायेगे बात ही कुछ ऐसी है इस फिल्म 'आपकी कसम ' के संगीतकार थे
आर.डी बर्मन और निर्माता और निर्देशक थे
जे.ओम प्रकाश ...आर.डी और किशोर कुमार इस गीत की रिकॉर्डिंग कई दिनों से कर
रहे थे लेकिन जो भाव इस गाने के लिए चाहिए था उससे आर.डी संतुष्ट नहीं थे
फिल्म भी लेट हो रही इस गाने की शूटिंग भी आउटडोर थी मुमताज़ और राजेश खन्ना
की डेट भी फिक्स थे और सबसे बड़ी बात तो ये थी की कई जूनियर आर्टिस्ट भी
गाने में परफॉर्म करने वाले थे लेकिन ये गाना रिकॉर्ड ही नहीं हो रहा था अब
निर्माता और निर्देशक जे.ओम प्रकाश बार-बार किशोर और आर डी बर्मन को टोकते
रहते की .." यार इस गाने जल्दी रिकॉर्ड करो मेरे पूरे पचास हज़ार रूपये इस
पर खर्च हो चुके है " उस समय पचास हज़ार रूपये अच्छी खासी रकम मानी जाती थी
आर.डी बर्मन जे.ओम प्रकाश की बात सुनकर सिर्फ मुस्कराकर रह जाते लेकिन
किशोर दा ठहरे मनमौजी प्रवृत्ति के वो बार-बार पचास हज़ार का तंज़ सुन खीज उठते और उन्हें गुस्सा आ जाता
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राजेश खन्ना और मुमताज़ |
जब ये गाना फाइनल रिकॉर्ड हो रहा था तो किशोर कुमार मस्ती से गा रहे थे लेकिन जब उनकी नजर रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बैठे जे.ओम प्रकाश पर पड़ी तो उन्हें वो पूरे पचास हज़ार रूपये खर्चे वाली बात याद आ गई और उन्हें मस्ती सूझ गई और उन्होंने निर्माता जे.ओम प्रकाश के पचास हज़ार वाले तंज़ का जवाब उन्ही की फिल्म के इस गाने में बड़ी खूबसूरती से दे हिसाब चुकता कर लिया उन्होंने अचानक साज़ बाजने वाले आर्टिस्टों की और मुँह करके कहा .... '' अरे बजाओ रे बजाओ ....ईमानदारी से बजाओ....ही ही ही .. अरे बजाओ ....पचास हज़ार खर्चा कर दिए ईमानदारी से बजाओ बेटा .. हा हा '' उनकी ये बात सुनकर आर.डी बर्मन चौंक गए क्योंकि ये लाइन गाने में थी ही नहीं और ना ही आनंद बक्शी ने इसे गाने में लिखा था........जल्द ही उन्हें किशोर कुमार की शरारत समझ आ गई और सभी ठहाका लगे कर हँसने लगे जे.ओम प्रकाश ने आर.डी से कहा ...." इस लाइन को बिलकुल ऐसे ही गाने के अंत में जोड़ दो " ...गाना पूरा हुआ फिल्म में राजेश खन्ना और मुमताज़ पर फिल्माया गया फिल्म और गाना दोनों हिट हुआ अभिनेत्री मुमताज एवं अदाकार राजेश खन्ना दोनों के भाव इस गाने में चार चांद लगा देते हैं भाँग खाने के बाद कैसा नशा होता है दोनों कलाकरो ने अपनी भाव भंगिमाओं से गाने को जीवंत बना दिया है न केवल निर्माता जे.ओम प्रकाश के 50 हज़ार वसूल हुए बल्कि 'आपकी कसम ' फिल्म भी हिट हो गई और ये गाना बिनाका गीतमाला 1974 के टॉप पर भी जम कर बजा इस प्रकार किशोर दा की एक शरारत इतिहास में दर्ज़ हो गई अगर आप इस गाने को सुनेगे तो अंत में किशोर दा की ये पंक्तिया आपको भो हँसने पर मजबूर कर देगी
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'मोहनेश्वर शिवालय' गुलमर्ग , ( कश्मीर ) |
यहाँ आप को इस गाने की आउटडोर शूटिंग की जानकारी भी होनी चाहिए इस मशहूर गाने 'जय जय शिव शंकर' की शूटिंग गुलमर्ग ,( कश्मीर ) में हुई थी .......बर्फ से ढके पहाड़ों का मनोरम दृश्य .. चढ़ाई के कुछ कदम ... छोटी और शांत जगह पर है ये मंदिर ... आप इस स्थान तक पैदल जा सकते हैं ,मंदिर तक जाने के लिए आपको कुछ सीढ़ियां चढ़नी होंगी। इस मशहूर गाने में दिखाया गया ऐतिहासिक शिव मंदिर " रानी मंदिर " या " महारानी मंदिर " 'मोहनेश्वर शिवालय' के नाम से भी जाना जाता है, जो जम्मू और कश्मीर के डोगरा राजाओं का शाही मंदिर भी था। इसे जम्मू और कश्मीर के पूर्व शासक महाराजा हरि सिंह ( कश्मीर के अंतिम राजा ) की पत्नी मोहिनी बाई सिसोदिया द्वारा 1915 में बनाया गया था। मोहिनी बाई सिसोदिया धर्मपुर के महाराजा मोहनदेव की बेटी थीं। अंतिम डोगरा राजा के अपने शाही महल से यह मंदिर कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इस मंदिर में शिव लिंगम और देवी पार्वती की मूर्तियां है, रानी मोहिनी बाई यहां भगवान शिव की पूजा करने के लिए आती थी गुलमर्ग के केंद्र में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित इस शाही मंदिर के बारे में एक अनोखी बात यह है कि यह गुलमर्ग के सभी कोनों से देखा जा सकता है 90 के दशक की शुरुआत में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद मंदिर की देखभाल करने वाला कोई नहीं रहा ,आंतकवाद के दौर इसे नुकसान पहुंचने की कोशिश भी की गई 103 साल पुराने मंदिर का प्रबंधन करना आसान काम नहीं है। अब भारतीय सेना की 'डोगरा रेजिमेंट' इसकी देख्भाल कर रही है आज भी प्रतिदिन सुबह 6 से 9 बजे तक खुला रहता है और दिन में दो बार आरती की जाती है। और आप इसे देखने जा सकते है जहाँ कभी राजेश खन्ना और मुमताज़ भांग की मस्ती में झूम कर नाचे थे
Fabulous Post Imaandari Se , Aap Poore 50 Hazaar Inaam Ke Haqdaar Hain.
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