संजीव कुमार, सुचित्रा सेन |
सुनो आरती ....ये जो फूलों की बेलें नज़र आती है ना ......
दरअसल ये बेलें नहीं है ...अरबी में आयतें लिखी हैं ..
इसे दिन के वक़्त देखना चाहिए ......
बिलकुल साफ़ नज़र आती हैं .
दिन के वक़्त ये सारा पानी से भरा रहता है ...दिन के वक़्त जब ये फुहारे ...
मजाक क्यूँ कर रहे हो ..कहाँ आ पाउंगी मैं दिन में..?.
ये जो चाँद है ना इसे रात में देखना ..
ये दिन में नही निकलता .
ये तो रोज़ निकलता होगा
हाँ .......... लेकिन बीच में अमावस आ जाती है ..वैसे तो अमावस 15 दिन की होती है ...लेकिन...इस बार
बहुत लम्बी रही ..............
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.......9 बरस लम्बी थी ना .....?
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फिल्म आंधी
रिलीज़ 14 फरवरी 1975
निर्देशक गुलज़ार
संगीत आर.डी बर्मन
कलाकार संजीव कुमार, सुचित्रा सेन ,ओम प्रकाश, ए.के हंगल
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पवन मेहरा
(सुहानी यादे ...बीते सुनहरे दौर की ...)
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